न लॉक डाउन, न बाजार बंद, फिर भी कोरोना को हराया, द. कोरिया से हमें सबक लेनी चाहिए

न लॉक डाउन, न बाजार बंद, फिर भी कोरोना को हराया, द. कोरिया से हमें सबक लेनी चाहिए

सेहतराग टीम

ताइवान के बाद दक्षिण कोरिया ने जिस तरह कोरोनावायरस से लड़ाई लड़ी, उसे आज पूरी दुनिया में मॉडल माना जा रहा है। आज दक्षिण कोरिया कोरोना संक्रमित देशों की सूची में 8वें पायदान पर है। अब तक यहां संक्रमण के 9037 मामले मिले हैं, 3500 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। सिर्फ 129 लोगों की मौत हुई है, जबकि सिर्फ 59 मरीज गंभीर हैं। लेकिन पहले हालात ऐसे नहीं थे। 8-9 मार्च को 8000 संक्रमित मिले थे, लेकिन बीते दो दिनों में यहां सिर्फ 12 नए मामले मिले हैं। चौंकाने वाली बात है कि पहला मामला मिलने से आज तक यहां न लॉकडाउन हुआ और न ही बाजार बंद हुए।

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10 मिनट में जांच, 1 घंटे में रिपोर्ट:

द. कोरिया के विदेश मंत्री कांग युंग वा बताते हैं कि जल्द टेस्ट और बेहतर इलाज की वजह से ही मामले कम हुए और इसीलिए मौतें भी कम हुईं। हमने 600 से ज्यादा टेस्टिंग सेंटर खोले। 50 से ज्यादा ड्राइविंग स्टेशनों पर स्क्रीनिंग की। रिमोट टेम्परेचर स्कैनर और गले की खराबी जांची, जिसमें महज 10 मिनट लगे। एक घंटे के अंदर रिपोर्ट मिले, इसकी व्यवस्था की। हमने हर जगह पारदर्शी फोनबूथ को टेस्टिंग सेंटर में तब्दील किया।

हर जगह लगे थर्मल इमेजिंग कैमरे:

द. कोरिया में संक्रमण जांचने के लिए सरकार ने बड़ी इमारतों, होटलों, पार्किंग और सार्वजनिक स्थानों पर थर्मल इमेजिंग कैमरे लगाए, जिससे बुखार पीड़ित व्यक्ति की तुरंत पहचान हो सके। रेस्त्रां भी बुखार जांचने के बाद ही ग्राहकों को प्रवेश दें, इसकी व्यवस्था की।

हाथों के इस्तेमाल का तरीका वायरल हुआ:

द. कोरिया के विशेषज्ञों ने लोगों को संक्रमण से बचने के लिए हाथों के इस्तेमाल का तरीका भी सिखाया। इसमें अगर व्यक्ति दाएं हाथ से काम करता है, तो उसे मोबाइल चलाने, दरवाजे का हैंडल पकड़ने और हर छोटे-बड़े काम में बाएं हाथ का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई। इसी तरह बाएं हाथ से ज्यादातर काम करने वालों को दाएं हाथ के इस्तेमाल के लिए कहा गया। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति जिस हाथ का ज्यादा इस्तेमाल रोजमर्रा के कामों के लिए करता है, वही हाथ सबसे पहले चेहरे पर भी जाता है। यह तकनीक बेहद कारगर रही और इसी के चलते सोशल मीडिया और व्हॉट्सएप पर तेजी से वायरल भी हुई।

टेस्टिंग किट का उत्पादन बढ़ाया:

जनवरी में पहला केस सामने आने के बाद सबसे पहले दवा कंपनियों के साथ मिलकर टेस्टिंग किट का उत्पादन बढ़ाया। दो हफ्तों में जब संक्रमण के मामले बढ़े, तो तेजी से हर जगह टेस्टिंग किट की उपलब्धता सुनिश्चित की। आज दक्षिण कोरिया में रोजाना 1 लाख टेस्टिंग किट बन रही हैं। अब 17 देशों में इनका निर्यात भी शुरू होने जा रहा है।

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न बाजार बंद किए, न लोगों को रोका:

कोरोना संक्रमण के मामले मिलने के बाद भी दक्षिण कोरिया ने एक दिन के लिए बाजार बंद नहीं किया। मॉल, स्टोर, छोटी-बड़ी दुकानें नियमित रूप से खुलती रहीं। लोगों के बाहर निकलने और दूसरी गतिविधियों पर भी रोक नहीं लगाई। वायरस से सुरक्षा का अभ्यास 2005 से ही लोगों की आदत में है, जब एमईएसएस (मिडिल ईस्ट रेस्पारेट्री सिंड्रोम) फैला था।

(साभार- दैनिक भास्कर)

 

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